पोर्न भाभी सेक्स कहानी में पढ़ें कि शादी में मिली सेक्सी भाभी को मैं पटाकर घर लाया! उसने कैसे मुझे तन और मन का सुख दिया? आप लोग खुद ही पढ़िए!
दोस्तो, मैं संदर्श!
कहानी के पिछले भाग
मदमस्त जवानी के साथ चुदाई से पहले का मजा
में आपने पढ़ा कि मैं एक बार फिर से कोमल भाभी की नंगी हो चुकी जवान चूत के सामने उसे चोदने को आतुर खड़ा था.
अब आगे Porn Bhabhi Sex Kahani:
मैंने एक नया शगल करना शुरू किया. बेड के बराबर में रखी हुई टेबल पर जैम की बोतल उठाई और कोमल की नमकीन चूत पर मीठा जैम लगा दिया.
वो बड़ी मादकता से मेरे हर काम को देखे जा रही थी.
चूत पर जैम लगवाती हुई वो हल्की सी मुस्कुरा रही थी.
उसे मालूम था कि अब ये जैम चाटा जाएगा.
चूत पर जैम लग जाने के बाद मैंने कोमल की टांगों को अपने कंधों पर रख लिया और उसकी चूत पर अपना मुँह लगाने लगा.
अपना मुँह चूत पर रखने से पहले मैंने चूत को खोला और हाथ से जैम लेकर उसके अन्दर भी जैम लगाने लगा.
मेरी उंगली के चूत के अन्दर चलने से कोमल सिहरने लगी और उसकी गांड उठने बैठने लगी.
कमाल की बात तो ये थी कि वो सिर्फ ‘ससी आह …’ कर रही थी.
उसने एक भी बार ये नहीं कहा था कि मत करो. वो मन से ऐसा करवाने को राजी थी.
फिर मैंने अपनी जीभ को चूत के ऊपर फेरा, आह मजा आ गया.
जैम लगी चूत ऐसी लग रही थी मानो पावरोटी में जैम लगाया गया हो.
मैं चूत चाटने लगा और कोमल मजा लेने लगी.
वो अपने जिस्म को अकड़ा अकड़ा कर और गांड को उठा उठा कर चूत चटवाने का आनन्द लेने लगी थी.
मैं चूत के अन्दर जीभ डालकर अपनी जीभ को ऐसे गोल गोल घुमाने लगा था, जिससे कोमल की उत्तेजना उसके चरम पर पहुंचने लगी थी.
वो मेरे बालों को पकड़कर मेरे मुँह को अपनी चूत के अन्दर दबाने लगी थी.
मेरी नुकीली जीभ कोमल की मादक चूत की जितनी गहराई तक जा सकती थी, मैं उतने अन्दर तक जीभ को पेल रहा था.
चूत चूसते हुए मैं कोमल की चूत के अन्दर एक उंगली को भी चलाने लगा था.
कोमल की सेक्सी आवाज ‘आह मां … ओह चूस लो मेरी चूत को … आह पी जाओ इसका सारा रस … उफ्फ … प्लीज और चूसो मेरी चूत को … चाटो इसे …’ मेरे काम को और ज्यादा भड़का रही थी.
कुछ ही देर में कोमल से रुका न गया और उसने भलभला कर चूत का रस छोड़ना शुरू कर दिया.
उसके चूत रस ने मेरे चेहरे को भिगो दिया था.
मैं भी किसी सड़क छाप कुत्ते की तरह लपर लपर करके कोमल की चूत से निकला अमृत रूपी रस को पीता गया.
मैंने चूत का रस चाट कर चूत साफ़ कर दी.
उसके बाद मैं कोमल की जांघों के आजू बाजू अपने घुटनों को सैट करके बैठ गया और पास पड़ी टाई को उठा लिया.
मैंने कोमल के हाथों को अपनी टाई से बांध दिए और अपना मोटा लंड कोमल की चूत से टच कराने लगा.
लंड का स्पर्श चूत से हुआ तो कोमल की बंद आंखें खुल गईं.
वो देखने लगी कि मैं किस तरह से उसकी चुदाई करने की तैयारी कर रहा हूँ.
कोमल के हाथों को बांधने के बाद मैंने पास रखी प्लेट में से आइस क्यूब को उठाया और कोमल की नाभि के चारों ओर सर्कल बनाता हुआ फेरने लगा. मैं बर्फ के टुकड़े को उसकी गहरी नाभि के चारों तरफ गोल गोल घुमा रहा था.
कोमल के सेक्सी होंठों से मादक आवाजें निकलने लगीं- उफ्फ़ … उफ्फ … चोदो मुझे … मेरी जान चोद दो मुझे … ऊई मां .. इस्स!
उसकी इन आवाजों से मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ा.
मैं इतनी जल्दी कोमल को चोदना नहीं चाहता था.
कोमल की गहरी नाभि को बर्फ से टच करते हुए उसके चिकने पेट, उसकी चूचियों के नीचे वाले हिस्से पर बर्फ का कमाल दिखाते हुए मैं ऊपर आ गया.
इस बीच मैंने कोमल के मम्मों को जानबूझ का छोड़ दिया था ताकि उसकी तड़फ और बढ़ सके.
अब मैं कोमल के माथे पर आइस क्यूब को फेरने लगा था. उसके माथे से होते हुए पलकों, चिकने गाल, सेक्सी गुलाबी होंठ और होंठों से होता हुआ कोमल की ठोड़ी और गर्दन पर आ गया.
कोमल निरंतर आह आह कर रही थी.
मैं वापस कोमल की नाभि पर आ गया और उसकी नाभि को चाटते हुए मैं उसकी कड़क हो चुकी चूचियों पर आ गया.
कोमल के गोल गोल रसदार आम, जिनको पाने की हरसरत पहली नजर से थी, वो मुझे काफी देर से आमंत्रित कर रहे थे कि आओ और चूस लो हमको, पी जाओ सारा रस.
इससे पहले कि मैं कोमल के मम्मों को चूसूं, मैं उनसे खेलना चाहता था.
चूचियों को आइस क्यूब से टच करते करते हुए मैंने उसकी सम्वेदनशील घुंडियों को जरा सा भी नहीं छुआ, जिससे कोमल और भी ज्यादा कसमसाने लगी थी.
मैं चूचियों की गोलाई के सहारे बर्फ के टुकड़े को घुमाते हुए काफी देर बाद कोमल के निप्पल के ऐरोला के पास आया.
उसने झपट कर खुद से बर्फ को अपनी चूचियों के निप्पल पर रखवा लिया और आह आह करने लगी.
ठंडे आइसक्यूब से टच होते हुए कोमल के चूचे मुझे बहुत आकर्षक लग रहे थे.
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अब मुझसे भी बर्दाश्त नहीं हुआ और मैं अपने गर्म होंठों को कोमल चूचों से लगा बैठा.
एक को चूसने लगा और दूसरे निप्पल को अंगूठे और बराबर वाली उंगली से गोल गोल मींजने लगा.
कोमल के निप्पलों से खेलते हुए ही मैंने एक हाथ को कोमल की चूत में डाल दिया और अन्दर ही अन्दर घुमा कर भट्टी सी तपती चूत को ठंडा करने की कोशिश करने लगा.
कुछ मिनट चूत को उंगली से चोदने के बाद मैं फिर से कोमल के दोनों चूचों पर आ गया.
उसके चूचों को एक साथ मिलकर दोनों निप्पलों को एक साथ चूसने लगा और एक भूखे बच्चे की तरह उसके निप्पल को दांतों से चुभलाने लगा.
कोमल के हाथ मेरे बालों में थे और कोमल मुझे प्यार से बच्चे की तरह दूध पिला रही थी- आह मेरे राजा, चूस ले मेरा सारा दूध … जल्दी से चोद दो मुझे … मेरी चूत लंड की प्यासी है … आह आह ओह्ह मर गई!
मगर मैं अभी कहां चुदाई को राजी था.
चूची चूसने के बाद मैंने उसे पलट दिया. कोमल की मक्खन सी पीठ पर बर्फ को रगड़ते हुए मैं कोमल की गांड के गुलाबी छेद पर आ गया.
उसकी दोनों टांगों को खोलकर बीच में लुपलुप करता गांड का छेद बर्फ के हमले का शिकार होने लगा.
कुछ ही देर में गांड की गर्मी से बर्फ के टुकड़े ने हार मान ली और पिघल गया.
मैंने उसकी जैम लगी चूत पर फिर से अपनी जीभ लगा दी.
इससे कोमल ने तकिये पर अपना मुँह दबाया और कसके बेडशीट को पकड़ लिया था.
बड़े ही सेक्सी अंदाज से कोमल अपनी गांड थिरका कर मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर रही थी.
मैं कोमल के हाथों को खोलकर उसके ऊपर लेट गया, जिससे मेरी छाती के बाल कोमल पीठ से रगड़ कर मस्ती करने लगे थे और मेरा लंड कोमल की गांड के दरवाजे पर दस्तक दे रहा था.
कुछ देर इसी पोजीशन में रगड़ सुख लेने के बाद कोमल ने चुदाई करने का कहा.
मैंने कोमल को सीधा कर दिया और फिर से उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा.
तभी उसने कहा- मुझे भी चूसना है.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और कोमल मेरे लंड को चूसने लगी.
कुछ ही देर में कोमल फिर से चुदाई की पोजीशन में सीधी हो गई.
मैं उसकी चूत चूस कर उसे चोदने की तैयारी करने लगा था.
वो अपने हाथों से मेरे बालों को पकड़कर मुझे ऊपर खींच रही थी- आह … ओह ओह मम्मी … इस्स … आह … बस करो … अब चोद दो बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
उत्तेजनावश कोमल के मुँह से चुदाई के लिए आवाजें निकलने लगी थीं.
मैंने देर न करते हुए उसकी चूचियों को एक बार चूसा और लंड का सुपारा चूत की फांकों में रख दिया.
मैं अपने लंड को कोमल की गुलाबी चूत पर ऊपर से नीचे तक रगड़ने लगा था.
कोमल कसमसाती हुई मेरी तरफ देख रही थी और अपने नाजुक हाथों से मेरे लंड को पकड़ कर उसे अपनी चूत पर सैट करने की कोशिश कर रही थी.
मैंने भी उसके हाथों को लंड पकड़ने की अनुमति दे दी.
लंड चूत की दरार में सैट हो गया था.
मैंने उसकी आंखों में देखा, उसने मुझे अन्दर आने की मौन स्वीकृति दे दी.
साथ ही कोमल ने अपनी चूत के दरवाजे को खोलते हुए अपने कमर को नीचे से उठा दिया.
वो जल्द से जल्द लंड को चूत में लेना का असफल प्रयास कर रही थी.
मैंने कोमल के इशारे को समझते हुए अपने लंड को चूत पर सैट कर दिया और अपने वजन को कोमल की चूत के दरवाजे पर डालने लगा.
लोहे की रॉड सा खड़ा लंड चूत की फांकों में अड़ा हुआ था, दाब देने से लंड का नीबू सा सुपारा कोमल की चूत के अन्दर घुस गया और किसी खूँटे सा फिक्स हो गया.
मेरे लंड का मोटा सुपारा चूत को चीरने लगा था.
कोमल की आंखों से मुहब्बत के आंसू आ रहे थे. वो दर्द से मुझे पीछे को धकेलने का प्रयास करने लगी थी.
पर आज एक मर्द के लंड से कोमल की चूत का सामना था.
आदमी बिस्तर में औरत को हराकर औरत को … और उसके दिल को जीत लेता है.
मैं कोमल के ऊपर अपने वजन को लगातार डालता रहा. मैं अपना लंड कोमल की चूत के अन्दर घुसाए जा रहा था.
हर पल मेरा लंड पोर्न भाभी की रस छोड़ती चूत की चिकनाई का सहारा लेते हुए अन्दर घुसता जा रहा था.
अब तक मेरा आधा लंड कोमल गर्म चूत के अन्दर जा चुका था और कोमल की आंखों से निरंतर आंसू आ रहे थे.
मैं उसको शांत करने के लिए उसकी चूचियों को चूसने लगा था.
थोड़ी बाद जब कोमल शांत हो गई तो मैं कोमल आंखों से निकलते हुए आंसुओं को अपने होंठों से चूसने लगा.
ये काम मुझे बड़ा ही इमोशनल कर रहा था.
इसके बाद मैंने कोमल की चूत के अन्दर एक जोर का झटका लगा कर पूरा का पूरा लंड अन्दर डाल दिया और उसी के साथ मैंने अपने होंठों को कोमल के होंठों से जोड़ दिया ताकि उसकी चीख उसके मुँह में ही दब कर रह जाए.
लंड चूत की जड़ में गाप दिया था.
करीब बीस सेकंड तक होंठ दबाए रखने के मैंने मुँह हटाया और उसकी उन्ह आंह के साथ आंसू टपटप करके निकलने लगे.
मैं कोमल हाथों की उंगलियों को अपनी उंगलियों में फंसाकर उसके गालों से अपने गालों को रगड़ने लगा.
कोमल की आंखें बंद हो गई थीं.
मेरा लंड कोमल की चूत के अन्दर जड़ हो गया था और अब सुपारा चूत की दीवारों से रगड़ खाकर चुदाई का मजा देने लगा था.
अब तक कोमल भलभल करके दो बार झड़ चुकी थी.
मैंने अपने लंड से चूत को रगड़ना शुरू कर दिया था. मेरा लंड कोमल की चूत का भोसड़ा बनाने की कसम को पूरा करने लगा था.
कुछ ही समय में लंड ने अपनी रौद्रता दिखानी शुरू कर दी. किसी इंजन के पिस्टन की तरह अन्दर बाहर होने लगा.
अब कोमल को भी मजा आने लगा था. वो भी नीचे से अपनी गांड उठाकर लंड से टक्कर लेने लगी थी.
मेरा लंड चूत की जड़ तक जाकर बाहर आ रहा था.
थक जाने पर कोमल की टागें हवा में उठ गईं और वो लंड से अपनी चटनी बनवाने का सुख लेने लगी.
मेरा लंड कोमल की चूत को असीम आनन्द का आभास करा रहा था.
आज मैं कोमल को इतना कसके रगड़ रहा था कि वो मेरे लंड की गुलाम हो गई थी.
कुछ देर बाद हम दोनों ने आसन बदला.
कोमल मेरे ऊपर आ गई और लंड की सवारी करने का मजा लेने लगी.
मैं नीचे से उसकी चूत में झटके मार रहा था और कोमल की चूचियों को चूसे जा रहा था.
कुछ मिनट बाद मैंने कोमल को डॉगी स्टाइल में भी चोदा.
करीब आधा घंटा कोमल को चोदने के बाद मैंने कोमल को फिर से अपने नीचे ले लिया और अपना वीर्य कोमल की तपती चूत के अन्दर छोड़ दिया.
कोमल के अन्दर स्खलित होते हुए वो भी छूटने लगी और उसने मुझे कसके पकड़ लिया. उसके नाखून मेरी पीठ को खरोंचने लगे थे जो कि चरम सुख की पराकाष्ठा को प्रदर्शित कर रहा था.
कोमल ने चुदाई के बाद में मुझे बताया कि उसकी ऐसी चुदाई आज तक नहीं हुई थी. उसका पति नपुंसक है. वो सिर्फ चूत चाटता है और उसे ठंडी कर देता है.
मैंने उससे शादी के लिए कहा तो उसने साफ़ मना कर दिया. उसकी शादी पहले हो चुकी थी इसलिए वो मुझसे शादी नहीं कर सकती थी.
हां मेरे लंड के लिए उसे कभी ना नहीं थी.
इसके बाद मैंने कोमल की गांड भी मारी. उसकी कुंवारी गांड को किस तरह से मैंने खोला और अगले 3 साल तक कोमल को मैंने अपनी रंडी बना कर किस किस तरह से चोदा, वो आपको आगे कभी लिखूँगा.
तीन साल बाद कोमल के पति का तबादला मुंबई हो गया.
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