मैं शालिनी गोरखपुर उत्तरप्रदेश की रहने बाली हु, मैं बचपन से ही बड़ी शर्मीली किस्म की लड़की हु, अभी मेरी शादी को हुए ३ महीने ही हुए है, जब से मेरे पापा मेरे लिए रिश्ता देखने निकले तभी से मैं बहुत ही परेशान रहने लगी, की मैं अपने पति के सामने कैसे जाउंगी, वो भी जो अजनबी होगा,
मैं ये सब सोच सोच कर मैं काफी परेशान रहने लगी, पर मैं ये बात अपने पापा मम्मी को कैसे बताती, धीरे धीरे मैं चुपचाप और खोई खोई सी रहने लगी, और सच तो ये है की मैंने इंटरनेट पे देखि की पहली बार सेक्स करने में सील टूटता है तो और भी मैं घबराने लगी. मेरे माँ पापा कई बार मुझसे मेरी उदासी के बारे में पूछा पर मैंने कभी भी सही उत्तर नहीं दिया,
पापा मम्मी मेरी शादी तय कर दिया और आके बताया की लड़का काफी अच्छा है जिम में ट्रेनर है, काफी पैसा बाला और लम्बा चौड़ा और बॉडी बिल्डर है, ये सुन कर तो मैं और भी डर गयी की अब क्या होगा मेरा, शादी के सिर्फ १५ दिन बचे थे, मम्मी पापा दोनों शॉपिंग करने के लिए वाराणसी चले गए मैं और मेरा बड़ा भाई जो २२ साल का है दोनों घर पे थे.
Sister ki Chudai Kahani में आगे:
मैंने हिम्मत करके अपने भाई को सब बात बताई की भैया मेरे साथ ये सब प्रॉब्लम है मैं काफी घबरा रही हु सुहागरात और सेक्स के नाम पे, तो मेरे भाई बोला कोई बात नहीं शालिनी ये तो रीत है संसार का सब लोग शादी में सेक्स करते है, फिर मैंने बोला भैया फिर आप ये बताओ सुनने में आता है की सील टूटता है और खून भी निकलता है अगर ज्यादा खून निकला तो, तो मेरा भाई बोला नहीं नहीं पगली ऐसी बात नहीं है ज्यादा खून नहीं निकलता है.
तो मैंने पूछा आपको कैसे पता भैया ज्यादा खून नहीं निकलता है तो मेरा भाई रमेश बोला अरे यार मैंने तो इंटरनेट पे देखा है और मै खुद भी आने मोहन चाचा की जो छोटी बेटी सिम्मी है उसको मैंने चोदा है, और अपने बड़ी बुआ की बेटी रागिनी उसको भी चोदा है थोड़ा ही खून निकला था,
तुम डरो नहीं कुछ भी नहीं होगा, तो मैंने कहा नहीं भैया मुझे काफी डर लग रहा है, मैं तो मर ही जाउंगी सुनने में आया है की बहुत दर्द होता है, तो भाई बोला अगर तुम्हे ऐसा लगता है तो मैंने तुम्हे ट्रेनिंग दे सकता हु, अच्छा है आज रात माँ और पापा नहीं है वो लोग कल सुबह बाली ट्रैन से आएंगे. तो मैं राजी हो गयी बोली ठीक है, आज मैं भी अच्छे से ट्रेनिंग ले लेती हु ताकि कोई दिक्कत ना हो सुहागरात के दिन.
तो मैंने बक्से से माँ का लाल बाला साडी ब्लाउज और पेटीकोट निकाली, और शाम को अच्छी तरह से एक दुलहन के तरह तैयार हुयी, फिर मैं अपने कमरे में पलंग पे बैठ गई, मेरा भाई कमरे में आया, वो भी कुरता पाजामा और लाल टिका लगाए हुए दूल्हे की तरह लग रहा था.
मैं भी दुल्हन की तरह घूंघट लेके बैठी थी, मेरी साँसे तेज चलने लगी पर मुझे इस बात का सकून था की मेरा भाई अजनबी नहीं है अगर कुछ हुआ तो मैं मना कर सकती दूंगी, वो अंदर आके बोला कैसी हो, घूघंट तो खोलो, मैं चुप रही और सर हिला के मना कर दी,
भाई : अब शर्माना कैसा.
मैं: चुप रही.
भाई: अरे अब तो हम दोनों को साथ साथ ज़िंदगी भर रहना है.
मैं: चुप रही.
भाई: घूघंट तो खोलो मेरे से शर्माना कैसा,
फिर भाई ने घूघंट खोल दिया, मैं भाई को ऊपर सर कर के देखि वो बहुत ही सुन्दर लग रहा था, मुझे तो एक पल ऐसा लगा की वो मेरा भाई नहीं बल्कि मेरा पति ही है और मैं पत्नी.
भाई मेरे करीब बैठ गया और मुझे पकड़ लिया उसने मेरे होठ पे एक किश किया मेरे होठ लकपका रहे थे, मैं भी कांपते हुए होठ से भाई को चूम ली, भाई ने घूघंट को उत्त्तर के साड़ी के पल्लू को भी निचे कर दिया, मेरे सांस से मेरी छाती ऊपर निचे हो रही थी.
भाई जब मेरी छाती को देखा तो वो देखता ही रह गया क्यों की मेरी दोनों चूचियाँ टाइट थी, और उभर काफी ज्यादा था, ऊपर से दोनों चूचियाँ सटने से नीच में रेखा खीच गयी थी, भाई ने दोनों चूचियों की दरार में अपनी ऊँगली घुसाई, मेरे तो रोम रोम खड़े हो गए, और वो फिर मुझे अपनी बाहों में भर लिया और अगले ही पल हम दोनों एक साथ बेड पे लेट गए.
धीरे धीरे वो मेरी ब्लाउज के हुक को खोल दिया और पीछे से मेरी ब्रा के हुक को भी, मुझे काफी शर्म आ रही थी मैंने अपने हाथो से अपने आँख को ढक ली पर भाई ने मेरे दोनों चूच को बारी बारी से दबाने लगा और कुछ ही पल में वो अपने मुह में ले लिया, मैं तो बस आआह आआआह आआआह और दांत पीसने के अलावा कुछ भी नहीं कर पा रही थी.
फिर वो मेरे साडी को ऊपर उठा दिया और पेंटी भी खोल दी, फिर वो सरक के निचे हो गया और मेरी दोनों टांगो को फैला कर मेरे बूर को चाटने लगा, मुझे पहली बार एहसास हुआ की इसमें इतनी मजा है, मैं भाई के बाल को पकड़ के अपने बूर में चिपका ली और चटवाने लगी,
इतने में मैं अपने लाइफ में पहली बार झड़ी अजीब सा एहसास था उस समय, मेरे तो रोम रोम खिल गए और अपने आप मेरे होठ दांत के अंदर आने लगे, मेरी चूचियाँ तन गयी थी निप्पल पिंक हो गया था.
मेरे गाल लाल हो गए थे, आँखे नशीली होने लगी थी, और मेरे भाई कभी बूर पे कभी चूच पे कभी कांख को कभी नाभि को चाट रहा था अपने जीभ से, उसका लंड काफी मोटा और कड़ा हो गया था उसने अपना लंड निकल के मेरे हाथ में पकड़ा दिया, मैंने उसके लंड को पकड़ के हिलाने लगी, अब मेरा भाई आअह उउफ्फ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ्फ़ करने लगा,
मेरी चूत काफी गीली हो चुकी थी फिर वो निचे चला गया और मेरे कुवारी चूत पे लंड का सुपाड़ा रख दिया, मैं डर गयी की अब क्या होगा मैंने तकिया को कस के पकड़ ली और भाई को बोली धीरे से करना, फिर वो धीरे धीरे मेरे बूर में लंड घुसाने लगा.
मुझे काफी दर्द हो रहा था, फिर वो तीन चार बार धीरे धीरे कर के वो एक ही झटके में अंदर कर दिया मेरे आँख से आंसू निकल गए उस समय वो रूक गया और मेरी चूचियों को सहलाने लगा, फिर वो धीरे धीरे कर के घुसाने लगा, और करीब पांच मिनट बाद ही मुझे सब कुछ अच्छा लगने लगा, और मैं भी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी, वो भी मुझे चोदे जा रहा था, इस तरह हम दोनों दूल्हे दुल्हन की वेश में रात भर चोदा और चुदवाई.
मेरा ये पहली चुदाई का एहसास काफी अच्छा रहा था. सुबह देखि तो बेडशीट में खून लगा था, भाई ने किश कर के कहा कोई बात नहीं ये खून तुम्हारे सील टूटने की निशानी है, फिर हम दोनों गले मिल गए, अब मैं काफी कॉंफिडेंट थी की अब मुझे डर नहीं लगेगा.
अब तो मुझे लंड चाहिए थी, शादी हुयी, मैं सुहागरात को काफी विंदास तरीके से मनाई, मैं तो पहले ही चुद चुकी थी, पर पति के सामने नाटक कर रही थी की पहली बार चुद रही हु, और चुदाई के एक दम बाद बाथरूम चली गयी और वापस आके बोली की बहुत खून निकल रहा था,
तो मेरा पति बोला कोई बात नहीं ये नार्मल है पहली बार चुदाई में खून निकलता ही है, मैं खुश हुई की चलो मैंने अपने पति को वेवकूफ बनाया, आशा करती हु की आपको मेरी कहानी अच्छी लगी होगी.